गैरसैंण (चमोली)।   जलवायु परिवर्तन को बेहतर तरीके से समझने उसका अध्ययन एवं शोध के माध्यम से छात्र-छात्राओं एवं आमजन में जागरूकता पैदा करना यात्रा का मुख्य उद्देश्य-पद्मश्री डॉक्टर कल्याण सिंह रावत। हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल की स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष को यादगार बनाने के क्रम में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद देहरादून एवं मैती संस्था द्वारा “स्वर्णिम अमृत संदेश रथ यात्रा”आज ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण पहुंची।

पत्रकार वार्ता में कार्यक्रम संचालक मैती संस्था के संस्थापक एवं पद्मश्री डॉक्टर कल्याण सिंह रावत ने कहा कि 18 दिसंबर को श्रीनगर से शुरू हुई यात्रा का समापन 21 दिसंबर को होगा।कार्यक्रम के तहत दोनों विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि एक दूसरे के परिसर में पहुंचकर विचारों का आदान-प्रदान व वृक्षारोपण कार्यक्रम करेंगे।रथ यात्रा का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन को बेहतर तरीके से समझने उसका अध्ययन एवं शोध के माध्यम से छात्र-छात्राओं एवं आमजन में जागरूकता पैदा करना है। चिपको आंदोलन की स्वर्ण जयंती वर्ष होने के साथ ही इस वर्ष को मिलैट वर्ष घोषित किया गया है,जिसके चलते प्रकृति के साथ जीने के महत्व को समझना आसान हो जाता है। डॉ रावत ने कहा कि हिमालयी संस्कृति बोली-भाषा और परंपराओं को सहेज कर हम प्रकृति के अनुरूप जीने का तरीका सीख सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय एक दूसरे को सौगात के रूप में मोटे अनाजों का कलेवा,बारहानाज,खाजा,आरसा,रोटन आदी का आदान-प्रदान करेंगे। कार्यक्रम के माध्यम से जल समस्या को जानने के लिए जागरूकता के लिए उमंग इकाई गंगाजल के कलश को नैनीताल सरोवर में समाहित करेगी वहीं नैनीताल के सभी झीलों से एकत्र जल को गंगा में प्रवाहित किया जाएगा।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय नैनीताल यूकास्ट,मैती संस्था, टीएचडीसी, सैर-सलीका संस्था, नियोजन फाऊंडेशन, त्रियंबक्म फाऊंडेशन देहरादून के सदस्यों के साथ ही जीएमवीएन के प्रबंधक दीपक रावत,सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र बिष्ट आदि उपस्थित रहे।

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