चमोली। प्रसिद्ध लोकपाल तीर्थ के मंदिर आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं शीतकाल में भगवान श्री लक्ष्मण जी मंदिर के कपाट पावन अष्टमी पर्व पर देव पूजन हेतु बंद हुए । पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शेषनाग ने इसी दिव्य स्थान पर तपस्या की थी। जो द्वापर युग में राजा दशरथ के यहां लक्ष्मण के रूप में जन्मे थे। इसी दिव्य सरोवर के ऊपर सप्त ऋषि सात शिखर के रूप में विराजमान हैं । ठीक इन्ही शिखरों के सामने श्री नीलकंठ पर्वत के दर्शन होते हैं जहाँ भगवान श्री बदरीनाथ जी विराजमान हैं । भारतीय नौसेना के बैंड बाजे के साथ लोकपाल तीर्थ का मंदिर शीतकाल के लिए बंद कर दिया गया वैदिक परंपरा के अनुसार विशेष पूजा अर्चना करने के बाद कपाट बंद किया गया हल्की बर्फबारी के साथ भगवान के कपाट बंद किए गए सुंदर बैंड के मधुर स्वर के साथ एक तरफ नारायण ऊपर से सफेद बर्फ की चादर बिछा रहे थे इसी समय भगवान की कपाट बंद हुई ऐतिहासिक वातावरण था कि लोकपाल लक्ष्मण जी के मंदिर कपाट बंद होते समय का दृश्य बड़ा भावुक और मार्मिक था।