हरिद्वार। महिला प्रेमी एक अखाड़े का संत अपनी कारगुजारियों के कारण इन दिनों परेशान है। पूर्व में लड़की लेकर फरार हुए इस कथित बाबा के कई किस्से चर्चाओं में रहे। पूर्व में जमीन के मामले में तो बाबा की मढ़ी तक के बंद होने की नौबत आ गई थी। माफी मांगकर व दूसरे अखाड़े में ंकुछ दिन शरण लेकर बाबा ने अपनी जान बचाई। बता दें कि गंगा घाट पर फुटपाथ पर सामान बेचने वाले महिला प्रेमी संत के पास महिलाओं के कारण अचानक धन आने से दिमाग सातवें आसमान पर जा पहुंचा है। फर्श से अर्श तक के सफर में बाबा महिलाओं की शरण लेकर ही यहां तक पहुंचा और एक कथित बड़े ट्रस्ट का ट्रस्टी बना।

सूत्र बताते हैं कि पूर्व में ऋषिकेश में एक प्रतिष्ठित मंदिर के समीप जमीन कब्जाने का प्रयास और मंदिर में धांधली के कारण बाबा को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। इतना ही नहीं बाबा की मढ़ी तक बंद कर दिए जाने की नौबत आ गई थी, जिस कारण से बाबा एक दूसरे अखाड़े में कुछ दिन आकर शरण ली। बाद में माफी मांगने पर बाबा की मढ़ी बंद होने से बच पाई। इतना ही नहीं सूत्र बताते हैं कि एक साध्वी को अपने जाल में फंसाकर बाबा ने काफी समय तक रंगरेलियां मनाई, उसके बाद महिला को ऋषिकेश में एक कमरा किराए पर दिलाकर वहां रखा। जबकि दूसरी चेली जिसे बाबा कभी भगाकर ले गया था, उसे राजधानी के समीप विकासनगर में रखा। बाबा जिस युवती को भगा ले गया था उसकी बहन के साथ भी बाबा की रंगीन मिजाजी किसी से छुपी नहीं रही। अपने कर्मों के कारण बाबा इन दिनों परेशान है और अब वह दूसरों पर तरह-तरह से दबाव बनाकर अपनी परेशानी कम करने का रास्ता ढूढ़ रहा है।

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