कर्णप्रयाग। भाजपा के वरिष्ठ नेता सरदार संत सिंह का 93 वर्ष की आयु में सोमवार को निधन हो गया है। उनके निधन पर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। वे पिछले कुछ समय से बीमार थे। जैसे ही संत सिंह के निधन की खबर पता चली तो अंतिम दर्शनों के लिए उनके घर पर लोगों का तांता लग गया। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार (आज) को होगा।
सरदार संत सिंह को चमोली जिले में भाजपा का मजबूत स्तंभ के रूप में जाना जाता था। वे सड़क सुरक्षा परिवहन विभाग के पूर्व राज्य मंत्री, भाजपा के संस्थापक सदस्य व उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी थे। राज्य आंदोलन में उनकी महत्पूर्ण भूमिका रही थी। सतपुली रामलीला कमेटी के शताब्दी समारोह सहित कई अन्य मौकों पर संत सिंह को सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने कई दशकों तक कर्णप्रयाग में सदाशिव रामलीला कमेटी की ओर से होने वाली रामलीला में दशरथ के किरदार का जीवंत अभिनय किया। सोमवार सुबह करीब 11 बजे उनके उनके निधन का समाचार मिलते ही पूरे चमोली जिले में शोक की लहर छा गई। उनके घर पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा है। अस्सी के दशक में जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई कर्णप्रयाग आए थे तो इस दौरान सरदार संत सिंह ने उनकी आगवानी की थी। सरदार संत सिंह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनके निधन से प्रदेश ने एक महान जननेता को खो दिया है। उनके निधन पर बहुगुणा विचार मंच के गढ़वाल/कुमाऊं संयोजक हरीश पुजारी, बार संघ अध्यक्ष रविंद्र पुजारी, पालिकाध्यक्ष दमयंती रतूड़ी, सुभाष चमोली, टीका मैखुरी, राकेश ‌डिमरी, दिनेश थपलियाल, गणेश शाह, राजा जोशी, संपूर्णानंद डिमरी, सरोज हटवाल, बृजेश बिष्ट, नवीन नवानी आदि ने गहरा दुःख जताया है।

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