गोपेश्वर (चमोली)।  बदरीकेदार के पूर्व  विधायक कुंवर सिंह नेगी ने जोशीमठ की त्रासदी को मानव जनित बताया है। उन्होंने इसके लिए शासन, प्रशासन मुख्य रूप से इसके लिए दोषी ठहराते हुए कहा कि शासन प्रशासन की ओर से जोशीमठ की सुरक्षा के लिए वर्ष 1976 में गठित मिश्रा कमेटी की रिपोर्ट की अनदेखी की गई और उस पर अमल न करके घोर अपराधिक लापरवाही की है, जिसका नतीजा मौजूदा आपदा है। उन्होंने शुक्रवार को एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से चमोली जिले के प्रभारी मंत्री को भेजकर जोशीमठ को बचाने के लिए सकारात्मक पहल किये जाने की मांग की है।

पूर्व विधायक ने कहा कि जोशीमठ के लोग खौफजदा हैं। इस गम्भीर संकट के समय संवेदनशीलता, सकारात्मक सोच और सार्थक पहल से उनको ढाढ़स देने की जरूरत है। उनकी उदारतापूर्वक हर सम्भव सहायता कर उनके गहरे जख्मों पर मलहम लगाना होगा। आरोप प्रत्यारोप त्याग कर सबको एक जुट होकर पूरे मनोयोग से इस त्रासदी का मुकाबला करना होगा।

 

उन्होंने कहा कि उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग की है कि जोशीमठ आपदा की विभिषिका को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित जाए और इसके लिए विशेष आर्थिक पैकेट स्वीकृत किया जाए। इस ऐतिहासिक, धार्मिक, सामरिक एवं पर्यटन महत्व की सुन्दर नगरी को बचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और हर सम्भव प्रयास युद्ध स्तर पर किए जाएं। प्रभावित परिवारों के सभी बैंक ऋणों और अन्य सरकारी देयकों की वसूली तत्काल रोकी जाए तथा इन्हें माफ किया जाए, छात्रों की शुल्क माफी की जाए, प्रभावितों को भूमि, मकान, व्यवसाय, फसल, बगीचों, पेड़ों आदि की क्षति का सही मूल्यांकन कर समुचित मुआवजे का शीघ्र भुगतान बदरीनाथ मास्टर प्लान के अनुरूप किया जाए, प्रत्येक प्रभावित परिवार के एक सदस्य को सरकारी सेवा में योग्यतानुसार लिया जाए, सैनिक एवं अर्द्धसैनिक बलों की भर्ती में युवाओं को शारीरिक एवं शैक्षिक मानकों में छूट दी जाए, प्रभावितों को ब्याज मुक्त दीर्घ कालीन ऋण उपलब्ध कराए जाएं। भ्रामक खबरों पर रोक लगे तथा सामान्य दिनचर्या, गतिविधि और कार्यक्रम निरन्तरता से जारी रहें, ताकि यात्रा और पर्यटन पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

 

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