जोतिर्मठ (चमोली)। चमोली जिला जहां मठ और मंदिरों के लिए देश और दुनिया में मशहूर हैं। वहीं जिले के बुग्यालों का सौंदर्य और साहसिक पर्यटन के लिए देश और विदेश के सैलानियों की पसंदीदा सैरगाह है।
ऐसे में इस वर्ष चमोली जिले के ज्योतिर्मठ ब्लॉक के थैंग गांव के ऊपरी क्षेत्र में स्थित चेनाप बुग्याल को वर्ष 2025 के लिए ट्रैकिंग ऑफ द ईयर घोषित किया गया है। जिससे चेनाप बुग्याल को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का पर्यटन विभाग की ओर से प्रयास किया गया है।
चमोली जिले के ज्योतिर्मठ विकास खंड में स्थित सोना शिखर पर स्थित थैंग गांव के ऊपरी हिस्से में स्थित है चेनाप बुग्याल। यह बुग्याल क्षेत्र जहां साहसिक पर्यटकों के मुफीद है, वहीं बुग्याल में खिलने वाले 315 से अधिक प्रजाति के फूल इसे वनस्पति विज्ञानियों और फोटोग्राफी करने वालों के लिए बेहतर स्थान है। ऐसे में इसे चमोली में स्थित दूसरी फूलों की घाटी कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। यहां हिमालयी फूलों के साथ ही मखमली बुग्याल में अनेकों जड़ी-बूटियों का अपना संसार है। ऐसे में यह स्थान अपने सौंदर्य और विविधता के चलते चमोली जिले में स्थित पर्यटक स्थलों में विशेष स्थान रखता है।
चमोली जनपद के सीमांत विकास खंड जोतिर्मठ मुख्यालय के ठीक सामने स्थित मध्य हिमालय के सोना शिखर पर स्थित थैंग गांव से कुछ दूरी पर समुद्र तल से करीब 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है चेनाप
चेनाम घाटी पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून और रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। जहां पर्यटक ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर जोशीमठ पहुंच सकता है। जहां ट्रैकिंग की तैयारियों के लिए आवश्यक सामग्री की खरीद की जा सकती है। वहीं यहां पर्यटकों को गाइड और पोर्टर के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं सुगमता से मिल सकती हैं। जिसके बाद मारवाड़ी पुल बदरीनाथ हाईवे को छोड़ पर्यटक वाहन से थैंग गांव तक पहुंच सकते हैं। यात्रा का यह अंतिम गांव है, इसके बाद प्रकृति के साथ पैदल यात्रा का शुभारंभ होता है। जिसके बाद तीन दिनों की पैदल यात्रा कर चेनाप घाटी पहुंचा जा सकता है। ट्रैकिंग के मार्ग में दो पड़ाव हैं। पहले दिन मारवाडी से करीब आठ किमी की दूरी पर स्थित थैंग, दूसरे दिन थैंग गांव से छह किमी की दूरी तय कर धार खर्क तथा तीसरे दिन धार खर्क से चार किमी की दूरी तय कर चेनाप घाटी पहुंचते हैं।