गोपेश्वर (चमोली)। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में भारत में होने जा रहे जी-20 सम्मेलन के मध्यनजर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी चमोली डॉ ललित नारायण मिश्र ने कहा कि हमें विज्ञान के साथ-साथ दादी-नानी के नुस्खों को भी अपनाना चाहिए, जिससे हमारा प्राचीन विज्ञान जीवित रह सके।

कार्यशाला के मुख्य वक्ता संयुक्त मजिस्ट्रेट चमोली डॉ दीपक सैनी ने कहा कि आज भारत का विश्व में मान बढा़ है जो हमारे लिए गर्व का विषय है और उत्तराखंड राज्य हमारी देवभूमि के नाम से विश्वविख्यात है जो संपूर्ण विश्व को आकर्षित करता है। उन्होंने अपने संबोधन में जी 20 देशों की उत्पत्ति, उद्देश्य एवं उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया।कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य प्रो. रचना नौटियाल ने कहा कि यदि हमें विश्व के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है तो अपनी स्थानीय उत्पादन क्षमता को बढ़ाना होगा। कार्यक्रम के सहसंयोजक डॉ मनोज बिष्ट ने भारत को जी 20 देशों की अध्यक्षता मिलने को एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए इसके दूरगामी वैश्विक प्रभावों से अवगत कराया। कार्यक्रम संयोजक डॉ जगमोहन नेगी ने समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जी 20 सम्मेलन में गोपेश्वर महाविद्यालय सक्रिय भूमिका अदा करेगा।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. दर्शन सिंह नेगी ने किया। इस अवसर पर प्रो. एमके उनियाल, प्रो. बीसी शाह, डॉ. मनीष डंगवाल, डॉ बीपी देवली, डॉ एसएस रावत, डॉ. डीसी सती, डॉ. गिरधर जोशी, डॉ अरविंद भट्ट, डॉ प्रियंका उनियाल डॉ. भावना मेहरा, डॉ एके सैनी, डॉ. मनोज नौटियाल, डॉ. एस पी उनियाल, डॉ एसके सैनी, डॉ एसएल बटियाटा, डॉ. चन्द्रेश जोगेला, डॉ. दिगपाल कण्डारी, डॉ विनीता नेगी, डॉ विधि ध्यानी, डॉ हर्षि खंडूड़ी, डॉ. बबीता, डॉ रूपिन, डॉ समीक्षा आदि उपस्थित थे।

 

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