देहरादून (राष्ट्रीय)। इस वक्त की ताजा खबर सामने आ रही है आपको बता दें कुछ  दिन पूर्व सहायक अध्यापक भर्ती और उसके  बाद उत्तराखंड फॉरेस्ट स्केलर परीक्षा  आयोजित हुई थी, इन दोनों की परीक्षा होने के बाद सभी अभ्यर्थी भड़क  गए हैं । छात्र-छात्राओं का उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पर आरोप है कि वर्तमान समय में इन परीक्षाओं  का जो पाठ्यक्रम दिया गया था उसके अनुसार प्रश्न पत्र नहीं बनाया गया था, आयोग के  एक्सपर्ट टीम के द्वारा अपने मनमर्जी के अनुसार प्रश्न पत्र बनाया गया था। उत्तराखंड सहायक अध्यापक परीक्षा में सबसे बड़ा सिलेबस विज्ञान वर्ग के लिए था विज्ञान विज्ञान वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए  जो छात्र-छात्रा बायो ग्रुप के थे उनके लिए पूरी जूलॉजी ,बॉटनी के साथ-साथ पूरी केमिस्ट्री को भी संपूर्ण देकर लंबा–चौड़ा सिलेबस दिया गया था , इसके साथ-साथ प्रथम पेपर (पार्ट A) में सभी के लिए जो पेपर बनाया गया था वह भी सिलेबस के अनुसार नहीं दिया गया था सिलेबस में विभिन्न आयोग दिए गए थे ,  नई शिक्षा नीति 2020 दी गई थी, मुदालियर आयोग , यूजीसी, कोठारी आयोग, राधा कृष्णआयोग, एनसीएफ, आरटीई, उत्तराखंड में बालिका शिक्षा , जीन पियाजे, वाइगोत्सकी, कोहलवर्ग, आधुनिक ई-लर्निंग,  भारत के शिक्षा शास्त्री, कंप्यूटर, पीपीटी , एनसीईआरटी, एससीईआरटी, केंद्रीय विद्यालय, नवोदयविद्यालय, कस्तूरबा गांधी विद्यालय, डायट , स्कूल प्रबंधन, सर्वशिक्षा अभियान , आदि बहुत से जो टॉपिक दिए गए थे उनसे एक भी प्रश्न नहीं दिया गया था यहां पर सभी टॉपिक को नहीं लिख रहे हैं क्योंकि सिलेबस में इतने टॉपिक दिया है कि विज्ञान वर्ग के लिए 26 से  27 पेज का सिलेबस है जिसके अनुसार बिल्कुल भी पेपर नही बनाया गया था। वर्तमान समय में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग कुछ प्रश्न इतना बड़ा दे रहें हैं एक पेज में एक ही प्रश्न, चार  उत्तर के भी चार और सब उत्तर , जो की पैटर्न संघलोक सेवा  के आयोग पेपर में दिया जाता उसी तरह के ज्यादा प्रश्न दे रहें हैं ग्रुप सी एग्जाम के लिए इस तरह के प्रश्न देना अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी है। उत्तराखंड फॉरेस्ट स्केलर  में भी छात्र-छात्राओं का इसी तरह का आरोप है उत्तराखंड   फॉरेस्ट  स्केलर मे कहा गया था कि छात्र-छात्राओं  को उनका पाठ्यक्रम कक्षा 9 और 10 वीं की एनसीईआरटी की किताब से बनाया जाएगा जबकि प्रश्न पत्र उससे भी ऊपर बीएससी और एमएससी लेवल के प्रश्न दिए गए थे । सभी सहायक अध्यापक तथा फॉरेस्ट स्केलर  के  अभ्यर्थियों ने कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग हमारे साथ अन्याय कर रहा है, अपने मनमर्जी के अनुसार पेपर बना रहे हैं वह भी पाठ्यक्रम के अनुसार नहीं बना रहें। आयोग  के अध्यक्ष  ने कुछ दिन पूर्व विजय पथ न्यूज में कहा था कि हमारी वहां बड़ी लाइब्री हैं  हम किसी किताब को नहीं बता सकते हैं कि पेपर किस किताब से बनाए जाते हैं लेकिन तैयारी कररहें युवाओं को पता नहीं कि वह कौन सी किताबें हैं उत्तराखंड बड़ा भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य हैं ,उत्तराखंड में यही  किताबें चलती हैं ,लुसेंट एनसीईआरटी कुछ और लेखक आदि  की फिर भी इससे  हटकर जानबूजकर अलग  से किताब से पेपर बनाना छात्र-छात्राओं के साथ नाइंसाफीहै । छात्र-छात्राओं ने यह भी कहा कि आयोग के पास ऐसी कौन सी किताबें हैं  सभी तो  प्रमाणित किताबें हैं  वो कौन सी किताबे हैं जो सिर्फ आयोग के पास हैं उत्तराखंड पुस्तक विक्रेता के पास नहीं।

इसी वजह से  उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का  सहायक अध्यापक व फॉरेस्ट सस्केलर के सभी छात्र-छात्राओं ने घेराव  कर आक्रोश दिखाकर धरना प्रदर्शन किया उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग मुर्दाबाद के नारे लगाए।

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