देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घपले के सदमे से पूरी तरह उबर नहीं पाया है। आयोग के नए अध्यक्ष जिस हिसाब से योजनाएं बना रहे हैं, वह अधिकारियों, कर्मचारियों की कमी की वजह से परवान नहीं चढ़ पा रही है।

स्नातक स्तरीय परीक्षा के बाद सचिवालय रक्षक परीक्षा, वन दरोगा आदि परीक्षाओं में पेपर लीक होने के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग निशाने पर आ गया था। पूर्व के एक पेपर लीक मामले में आयोग के पूर्व अध्यक्ष, सचिव सहित कई अधिकारी सलाखों के पीछे चले गए थे। पूर्व की परीक्षा नियंत्रक ज्यादा समय नहीं दे पा रही थीं। अब नए परीक्षा नियंत्रक आ गए हैं। आयोग सप्ताहभर में दो परीक्षाओं के रिजल्ट के साथ ही भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर भी जारी करेंगे।

अपको बता दें आयोग अभी तक एलटी परीक्षा के चयनितों का सत्यापन, रैंकर्स भर्ती का रिजल्ट ही जारी कर पाया है। आयोग के सचिव एसएस रावत ने 31 जनवरी को एक पत्र जारी किया था, जिसमें बताया था कि फरवरी के दूसरे सप्ताह तक रैंकर्स परीक्षा परिणाम साथ ही वैयक्तिक सहायक परीक्षा के चयन की कार्रवाई की जाएगी। कनिष्ठ सहायक में टंकण परीक्षा की कमियों को दूर करने के बाद मार्च के दूसरे परीक्षा नियंत्रक को लेकर असमंजस परीक्षा नियंत्रक के तौर पर शालिनी नेगी को UKSSSC की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन उनके कार्यकाल में केवल एलटी परीक्षा का अभिलेख सत्यापन हो पाया। इसके बाद आयोग में सरकार ने नया परीक्षा नियंत्रक तैनात तो कर दिया, लेकिन अभी कामकाज सुचारू नहीं हो पाया। जानकारी के मुताबिक, पेपर लीक प्रकरण के बाद आयोग के तमाम कर्मचारियों में बदलाव किया गया है। खुद आयोग ने 31 जनवरी के संवाद पत्र में यह स्वीकार किया था कि उनका स्टाफ नया है, जिसे डाटा परीक्षण व प्रॉसेस करने में कठिनाई आ रही है। पेपर लीक की दागों कंपनी के कर्मचारियों को हटाने के बाद ऑनलाइन रिजल्ट जारी करने की प्रक्रिया भी बाधित हुई है। इन भर्तियों का होगा अभिलेख सत्यापन विभिन्न विभागों में वैयक्तिक सहायक के 162 पदों पर भर्ती के लिए 16-17 मार्च 2021 को परीक्षा और 30 मार्च 2022 को परिणाम जारी हुआ था। 5448 उम्मीदवार इसमें शामिल हुए थे। अभिलेख सत्यापन लंबित है। कनिष्ठ सहायक भर्ती विभिन्न विभागों में कनिष्ठ सहायक, अमीन, कर संग्रहकर्ता आदि के 753 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा 31 अक्तूबर 2021 को हुई थी, जिसमें 66,494 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसका परिणाम पिछले साल 29 अप्रैल को जारी हुआ था। अभिलेख सत्यापन लंबित है।

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