देहरादून। इस वक्त की ताजा ख़बर सामने आ रही है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से उत्तराखंड में फूलदेई पर्व को बाल पर्व के रूप में मनाने की घोषणा के बाद अब शिक्षा विभाग इस पर्व को उत्तराखंड की प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करने की योजना में जुट गया है। आने वाले समय में हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत विषय में बच्चे फूलदेई को कविता, गीत और गद्य के रूप में पढ़ेंगे। फूलदेई का महोत्सव किसी गांव, जिले तक सीमित न होकर राज्य स्तर पर बालपर्व घोषित हो गया है। इसका श्रेय माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक महावीर सिंह बिष्ट को जाता है।

आपको बता दें एडी माध्यमिक लंबे समय से गढ़वाल क्षेत्र में फूलदेई को लेकर अभियान चला रहे हैं। उन्हीं के प्रयासों से फूलदेई बीते वर्षों से गढ़वाल मंडल में निजी व सरकारी स्कूलों में मनाया जा रहा है। अब, फूलदेई महोत्सव को बच्चे स्कूल की किताबों में भी पढ़ सकेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग कार्ययोजना बनाने में जुट गया है। पहले चरण में प्राथमिक स्तर पर हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत विषय में कक्षा 2 से 5वीं तक फूलदेई से जुड़े गीत, कविता और गद्य को तीन विषयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान और एनसीआरटी के विशेषज्ञों की बैठक बुलाई जाएगी। फूलदेई पर्व के तहत बच्चे देहरियों पर फूल डालते हैं और फूलदेई फूल संगराद, सुफल करो नयो बरस तुमकू भगवान, जै जै घोघा माता फ्ल्यूला फूल आदि गीत गाते हैं।

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