शिक्षक की गिरफ्तारी व निलंबन न होने पर तीन मार्च को आंदोलन की चेतावनी

गोपेश्वर (चमोली)। बतौर शिक्षक डा. भगवती प्रसाद पुरोहित कभी चर्चाओं में रहें हो या न रहें हों लेकिन अपनी सवर्ण मानसिंकता के चलते विवादित बयानो के चलते हर बार चर्चाओं में रहें है। पुरोहित कभी संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर, तो कभी एससी, एसटी के लोगों पर सोशल मीडिया में गलत बयानबाजी को लेकर अवश्य ही चर्चाओं में रहे है। इस बार उन्होंने भोटिया जनजाति के लोगों पर अपने फेसबुक पेज पर गलत बयान बाजी के चलते फिर से विवादों में घिर गये है। भोटिया जनजाति लोगों ने इस मामले को लेकर शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक चमोली को एक ज्ञापन सौंप कर भोटिया जनजाति के लोगों पर अपने फेसबुक पेज पर गलत टिप्पणी करने के कथित आरोप में गिरफ्तारी की मांग की है।

बता दें कि ये वही डा. भगवती प्रसाद पुरोहित है 2016 में जब महाविद्यालय गोपेश्वर में राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता के रूप में कार्यरत थे (वर्तमान समय में स्थानांतरण होने के बाद जिले से बाहर अन्य महाविद्यालय में कार्यरत हैं)। इन्होंने उस समय अपने फेस बुक पेज पर डा. भीमराव अंबेडकर पर आपत्ति जनक पोस्ट डाली थी जिसका अनुसूचित जाति के लोगों ने भारी विरोध और इनके खिलाफ एससी,एसटी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज करवायी थी। उस समय इनकी गिरफ्तारी भी हुई थी अभी भी यह मामला नैनीताल हाईकार्ट में लंबित चल रहा है। इस बार उन्होंने फिर से विवादित चर्चाओं में रहने के लिए एक बार फिर से भोटिया जनजाति के लोगों पर विवादित टिप्पणी कर डाली है। जिस पर भोटिया जनजाति के लोगों में भारी रोष व्याप्त है। और उन्होंने शुक्रवार को एसपी चमोली से मिलकर विवादित टिप्पणी करने वाले शिक्षक की गिरफ्तारी की मांग की है।

शुक्रवार को नीती माणा भोटिया जनजाति के लोगों ने गोपेश्वर स्थित चिपको नेत्री गौरादेवी पार्क में एक बैठक के बाद एसपी चमोली से मुलाकात की। एसपी से मुलाकात के बाद धन सिंह राणा, बाली देवी और पुष्कर सिंह राणा ने आरोप लगाते हुए बताया कि भोटिया समाज की सामाजिक स्वाभिमान पर तथाकथित डा. भगवती प्रसाद पुरोहित की आपत्तिजनक लेख फेसबुक पर पोस्ट किया गया था, जिसे कुछ लोगों की ओर से लगातार साझा किया गया है। जिस संबंध में भोटिया जनजाति के लोगों ने एक माह पूर्व थाना गोपेश्वर में लिखित सूचना दी थी लेकिन एक माह गुजर जाने के बाद भी अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई न होने से खफा होकर शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक चमोली से मिलकर इस पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि दो मार्च तक शिक्षक का निलंबन और गिरफ्तारी की कार्रवाई नहीं की जाती है तो तीन मार्च को जिला मुख्यालय गोपेश्वर में विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। मूलनिवासी संघ के पीएल बैछवाल और गिरीश आर्य ने बताया कि इसी शिक्षक की ओर से भारत रत्न डा. भीम राव अम्बेडकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर उनके संगठन ने 2016 में एससी, एसटी एक्ट के तहत भी इसकी गिरफ्तारी करवाई थी जो अभी नैनीताल हाई कोर्ट में अभी भी लंबित है। एसपी को मिले प्रतिनिधि मंडल में ग्राम प्रधान हनुमान चट्टी जीत सिंह, सरपंच धर्मेन्द्र सिंह नेगी, प्रधान सुकी लक्ष्मण बुटोला, प्रधान कागा पुष्कर सिंह, प्रधान मलारी मंगल सिंह राणा, सामाजिक कार्यकर्ता सुप्या सिंह राणा, क्षेपंस किशोर बडवाल, मूलनिवासी संघ के अध्यक्ष पीएल बैछवाल, गिरीश आर्य आदि मौजूद थे।

 

इधर, जांच अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद शाह ने बताया कि भोटिया जनजाति की ओर से पूर्व में दिए गये प्रार्थना पत्र पर जांच की जा रही है। जांच में जो भी निकल कर सामने आयेगा उस पर विधि संवत कार्रवाई की जायेगी।

 

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