गोपेश्वर। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में इस वर्ष 2025 से श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त प्री-पीएचडी कोर्स वर्क का संचालन किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न विषयों में 21 शोधार्थी विभिन्न प्राध्यापकों के अंतर्गत पंजीकृत हैं।

शोध समन्वयक प्रो. चंद्रावती जोशी ने बताया कि वर्तमान में दो मुख्य विषयों रिसर्च मेथाडोलॉजी एवं रिसर्च पब्लिकेशन एथिक्स विषय पर विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जा रहे हैं जो कि भविष्य में किए जाने वाले शोध कार्य हेतु सहायक सिद्ध होगा।

उन्होंने बताया कि शोध का महत्व महत्व, शोध विषय का चयन, शोध साहित्य का सर्वेक्षण, रिसर्च डिजाइन के तरीके एवं परिकल्पनाओं का परीक्षण करते समय सावधानियां, प्रतिचयन की विधियां, सांख्यिकीय विश्लेषण की प्रक्रिया, वर्णनात्मक सांख्यिकी सर्वेक्षण की विधियां, आंकड़ों का संग्रह करते समय सावधानियां, प्रश्नावली का निर्माण, साक्षात्कार, वैज्ञानिक शोध जीवन का महत्व, उपर्युक्त शोध पत्र का चयन, वैज्ञानिक शोध लेखन के प्रकार, प्लेजरिजम जांच के आवश्यक उपकरण एवम् शोध प्रबंध की रूपरेखा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विषय विशेषज्ञ के रूप में प्रो. स्वाति नेगी, प्रो. अमित कुमार जायसवाल, प्रो. चंद्रावती जोशी, डॉ एसपी उनियाल, डॉ शिवेंद्र रावत, डॉ मनीष डंगवाल , डॉ जगमोहन नेगी, डॉ. मनीष कुकरेती, डॉ मनीष कुमार मिश्रा, डॉ अभय कुमार, डॉ गिरधर जोशी, डॉ रोहित वर्मा, डॉ दिनेश सती, प्रियंका उनियाल, डॉ पूनम टाक़ुली, डॉ दिगपाल कंडारी, डॉ प्रेमलता, डॉ सौरभ के द्वारा सारगर्भित व्याख्यान दिये जा रहे हैं। जिससे विषयवस्तु से संबंधित समस्या का समाधान मिल सके।

error: Content is protected !!