रुद्रप्रयाग।  द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम में पहली बार तीर्थ यात्रियों के आंकड़े ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मद्महेश्वर धाम में मात्र 43 दिनों में 7 हजार, 362 तीर्थ यात्रियों ने पूजा – अर्चना व जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना की है! इस वर्ष मद्महेश्वर धाम में भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही होने से मद्महेश्वर घाटी के तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय में भारी इजाफा होने के साथ मन्दिर समिति की आय में भी वृद्धि हुई है! मद्महेश्वर घाटी में मानसून के दस्तक देने के बाद मद्महेश्वर धाम पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में हल्की गिरावट देखने को मिली है मगर आगामी 16 जुलाई से शुरू होने वाले शिव जी के पवित्र सावन मास में भी शिव भक्तों की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है। आपको बता दें कि इस वर्ष विगत 20 मई को द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गये थे तथा मात्र 43 दिनों में मद्महेश्वर धाम में 4227 पुरूषों, 2842 महिलाओं, 279 नौनिहालों व 24 साधु – संन्यासियों ने मद्महेश्वर धाम पहुंच कर पुण्य अर्जित किया! मन्दिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि मद्महेश्वर धाम में पहली बार तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा 7 हजार के पार पहुंचा है तथा कपाट बन्द होने तक यह आंकडा 11 हजार के पार पहुंच सकता है! स्थानीय व्यापारी भगत सिंह पंवार ने बताया कि इस वर्ष भगवान मद्महेश्वर के कपाट खुलने के बाद से ही तीर्थ यात्रियों की आवाजाही भारी संख्या में शुरू हो गयी थी तथा अभी तक निरन्तर जारी है! उन्होंने बताया कि जुलाई माह शुरू होने के बाद मद्महेश्वर धाम में आने वाले तीर्थ यात्रियों पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही में हल्की गिरावट तो देखने को मिल रही है मगर सावन मास में तीर्थ यात्रियों की आवाजाही में भारी वृद्धि हो सकती है! मद्महेश्वर धाम के व्यापारी शिवानन्द पंवार ने बताया कि इस वर्ष मद्महेश्वर धाम में तीर्थ यात्रियों की आवाजाही में भारी वृद्धि होने से मद्महेश्वर घाटी के तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय में भारी इजाफा हुआ है। मदमहेश्वर धाम की यात्रा से लौटे शिक्षाविद देवानन्द गैरोला ने बताया कि मदमहेश्वर धाम में तीर्थ यात्रियों की भारी संख्या में आवाजाही होने से मदमहेश्वर धाम सहित मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर गौण्डार, बनातोली, खटारा, नानौ, मैखम्बा व कूनचट्टी यात्रा पड़ावों पर रौनक बनी हुई है।

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