गोपेश्वर (चमोली)। जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा समिति की बैठक हुई। जिसमें गंगा नदी और इसकी प्रमुख सहायक नदियों के पुर्नोद्धार, संरक्षण, मरम्मत और पुनर्वासन के लिए विभागों के माध्यम से संचालित विभिन्न कार्यों की समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने नदियों के किनारे एवं घाटों में नियमित साफ सफाई और ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन के लिए नगर पालिकाओं में डोर-टू-डोर कूडा क्लेक्शन व सोर्स सेग्रिगेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जैविक खेती से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जाए। वन पंचायतों में भूमि किनारे बैम्बू प्लांटेशन के लिए प्रोजेक्ट तैयार करें। ताकि मृदा अपरदन और जंगली जानवरों से सुरक्षा के साथ-साथ इससे लोगों की आजीविका संर्वधन भी हो सके। उन्होंने साहसिक पर्यटन के अंतर्गत अलकनंदा नदी में लंगासू से देवलीबगड में शीघ्र राफ्टिंग शुरू कराने के निर्देश भी दिए। बैठक में नमामि गंगे के किसी सक्षम अधिकारी के उपस्थित न रहने पर विभागीय कार्यो की समीक्षा नही की गई।
सदस्य सचिव/प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यो की जानकारी दी। मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि अर्थ गंगा के अन्तर्गत जोशीमठ ब्लाक के 11 गांवों में चार वर्षो तक 850 हैक्टियर में प्राकृतिक खेती के लिए 639.744 लाख का प्रोजेक्ट बनाया गया है। जिले में अभी 13 हजार हैक्टियर भूमि पर जैविक खेती की जा रही है। देवाल ब्लाक पूर्ण जैविक ब्लाक है। जिला उद्योग के महाप्रबंधक ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में सभी इकाईयों को एसटीपी से संयोजन किया गया है। समिति के सदस्य दिनेश तिवारी ने वन पंचायतों में भूमि किनारे बैम्बू प्लांटेशन का सुझाव दिया। बैठक में डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, परियोजना निदेशक आंनद सिंह, ईई जल संस्थान राजेश निर्वाल, ईई मुकेश कुमार, अधिशासी अधिकारी सुधीर कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्य, महाप्रबंधक जिला उद्योग वीएस कुंवर, सहायक मत्स्य निरीक्षक जगदम्बा सहित समिति के सदस्य चन्द्रकला तिवारी, दिनेश तिवारी आदि उपस्थित थे।