पोखरी (चमोली)। इस वक्त की ताजा खबर सामने आ रही है आपको बता दें वैसे तो शिक्षा के क्षेत्र में चमोली जिला सुदूरवर्ती श्रेणी मैं आता है यहां पर दुर्गम रास्ते , नदी, नाले और पहाड़ होते हैं लेकिन इसी बीच कुछ शिक्षक ऐसे भी होते हैं जो पूरे की जान लगाकर छात्र-छात्राओं पर मेहनत करते हैं और जिसका परिणाम छात्र-छात्राओं को मिलता भी है आगे भविष्य में जाकर छात्र-छात्राओं की सफलता की राह आसान हो जाती है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों के नाम की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार देशभर के उन शिक्षकों को दिया जाता है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए उत्तराखंड से एकमात्र चमोली जिले की शिक्षिका कुसुमलता गडिया का चयन हुआ है। कुसुमलता पोखरी ब्लॉक के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका है। उन्हें शिक्षक दिवस पर पांच सितंबर को विज्ञान भवन नई दिल्ली में पुरस्कृत किया जाएगा।केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों के नाम की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार देशभर के उन शिक्षकों को दिया जाता है। जिसने अपनी प्रतिबद्धता और परिश्रम से न केवल विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है। इससे पहले कुसुमलता का चयन शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार-2023 के लिए हुआ है। शिक्षिका कुसुमलता ने विद्यालय में लर्निंग कॉर्नर, पेंटिंग, टीएलएम, ऑनलाइन क्लास, वाल पेंटिंग, पोस्टर अभियान के जरिए छात्र छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा से जोड़ा है। उनका मानना है कि रुचिकर शिक्षा से ही छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा दी जा सकती है।।उन्होंने बताया कि समय-समय पर विद्यालय में अन्य शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियां भी संचालित की जाती है। इसके पीछे उद्देश्य है कि छात्रों को एक बेहतर मंच मिले और वे खुलकर सामने आए, जिससे उन्हें खुद पर विश्वास और भरोसा हो सकें। उन्होंने स्कूल की दीवार पर क्यूआर कोड के जरिए भी शिक्षा का मॉडल दिया है। कुसुमलता गड़िया ने कहा कि मेरे लिए मेरे परिवार से बढ़कर मेरा विद्यालय है। आज का दौर डिजिटल शिक्षा का दौर है, इसलिए चुनौती बहुत बढ़ गई है। हमें हर रोज अपडेट होना पड़ेगा। मुझे खुशी है कि मुझे हर स्तर पर सहयोग मिला। शिक्षिका कुसुमलता गड़िया के संपूर्ण क्षेत्र में खुशी की लहर चल रही में तथा बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।