थराली (चमोली)। चमोली जिले के देवाल विकास खंड के मुख्यालय में कैल नदी पर चमोली हाइड्रो पावर की निर्मित पांच मेगावाट की ओर से बिना किसी रायल्टी, जीएसटी जमा किए उपखनिजों का उपयोग करने और परियोजना निर्माण के दौरान प्रभावितों से किए वायदों को पूरा न करने के विरोध में बुधवार को जिलाधिकारी चमोली को एक ज्ञापन भेजा गया है। पावर प्रोजेक्ट के जनरल मैनेजर ने एक की सप्ताह में सभी जानकारियां साझा करने एवं प्रभावित गांवों के विकास कार्यों में सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया।
अमर शहीद सैनिक मेला सवाड़ के अध्यक्ष आलम सिंह बिष्ट, सवाड वार्ड की जिला पंचायत सदस्य आशा धपोला, कनिष्ठ प्रमुख हीरा सिंह परिहार, प्रधान तुलसी देवी का कहना है कि जहां एक ओर चमोली हाइड्रो पावर की ओर से ग्रामीणों के साथ किये गये वायदों को पूरा नहीं किया गया है। गर्मियों एवं जाड़ो में कैल नदी में पांच प्रतिशत से कम पानी छोड़ा जाता हैं, जिससे शवों के अंतिम संस्कार के साथ ही तमाम जलीय जीवों पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ रहा हैं। इसके अलावा परियोजना मरम्मत में कैल नदी एवं पिंडर नदी में बड़ी मात्रा में खनन कर बिना रायल्टी एवं जीएसटी भरें ही उपयोग कर सरकार पर भी चूना लगाया जा रहा हैं। उन्होंने परियोजना प्रबंधकों पर निर्माण के दौरान प्रभावितों गांवों से किए गए वायदों को पूरा नही कर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए परियोजना की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई हैं।
इधर बुधवार को परियोजना प्रभावित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने अध्यक्ष आलम सिंह बिष्ट एवं युवा मार्चा के जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र बिष्ट के नेतृत्व में चमोली हाइड्रो के जीएम वीवी राव एवं इकाउंटेड आरएस पवांर से भेंट कर अपना रोष प्रकट किया। जिस पर जीएम ने एक सप्ताह के अंदर वैलफेयर में कंपनी की ओर से किए गए खर्च की जानकारी देने, शहीद सैनिक मेले सवाड़ को एक लाख रुपए प्रति वर्ष दिए जाने, फल्दिया गांव, उलंग्रा, लौसरी आदि गांवों के पैदल रस्तों की मरम्मत किए जाने, सोलर लाइट लगाएं जाने, संगम मैदान देवाल का चैड़ीकरण एवं सुरक्षात्मक दिवारों का निर्माण कार्य किए जाने, देवाल शमशानघाट का सौंदर्यीकरण आदि की मांगों को पूरा किए जाने का आश्वासन दिया है।