देहरादून। इस वक्त की दुखद खबर सामने आ रही हैं आपको बता दें शहीद मुरली ने महज 27 वर्ष की उम्र में दिया सर्वोच्च बलिदान, शहादत से पहले पांच आतंकवादियों को उतारा मौत के घाट। भारत और पाकिस्तान के बीच अघोषित युद्ध शुरू हो चुका है। बार्डर एरिया पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। खासतौर पर एलओसी एवं जम्मू-कश्मीर बार्डर एरिया पर दोनों ही सेनाओं की ओर से गोलीबारी लगातार जारी है। इस बीच समूचे देश के लिए जम्मू कश्मीर से एक दुखद खबर सामने आ रही है जहां मां भारती की रक्षा करते हुए भारतीय सेना का एक और जवान शहीद हो गया है। शहीद जवान की पहचान एम० मुरली नायक (नाइक) के रूप में हुई है। बताया गया है कि वे मूल रूप से आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के कल्ली थांडा गांव के रहने वाले थे। उन्होंने मां भारती की रक्षा करते हुए न केवल आपरेशन सिंदूर के तहत अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है बल्कि अपनी शहादत से पहले बलिदान मुरली ने पांच आतंकवादियों को मौत के घाट उतार कर तिरंगे की आन बान और शान बढ़ाई है। जवान की शहादत की खबर से जहां उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं उनके द्वारा अपने साथी जवानों के साथ आखिरी सांस तक लड़ते हुए पांच आतंकवादियों को नेस्तनाबूद करने की खबर से परिजनों गर्वित भी है। उनका कहना है कि मुरली ने मां भारती की रक्षा करते हुए जिस अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया है, उसके लिए उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। आपको बता दें जानकारी के मुताबिक मूल रूप से आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के कल्ली थांडा गांव के रहने वाले एम० मुरली नायक (नाइक) इन दिनों जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास तैनात थे। बताया गया है कि शुक्रवार तड़के तीन बजे के आसपास जब ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तानी सेना ने भारी तोपखाने और मोर्टार हमलों के साथ संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, तो पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए एम मुरली नायक वीरगति को प्राप्त हो गए। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से किए गए इस हमले में शहीद मुरली गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तथा देश के लिए शहीद हो गए।