टिहरी (उत्तराखंड) । बहुनि संति तीर्थानि, दिविभूमौं रसासु च, बदरी सदृशं तीर्थ, न भूतो न भविष्यति’ अर्थात धरती और स्वर्ग पर असंख्य तीर्थ हैं, लेकिन बद्रिकाश्रम जैसा तीर्थ न तो कोई है, ना ही कभी होगा । आज बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर परंपरा अनुसार नरेंद्रनगर टिहरी में विधि विधान से पूजा अर्चना के पश्चात श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि निर्धारित हुई , जिससे यह ज्ञात हुआ कि इस वर्ष बद्रीनाथ धाम के कपाट ,4 मई प्रातः.6 बजे शुभ लग्नानुसार विधि विधान से भक्तो के लिए कपाट खोल दिए जायेंगे।
बद्रीनाथ धान के कपाट खोलने की तिथि परंपरा:
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार तय की जाती है. हर वर्ष बसंत पंचमी के दिन टिहरी के राज दरबार राजपुरोहित राजा की कुंडली की गणना अनुसार तिथि तय की जाती हैं, इस अवसर पर टिहरी का राजपरिवार , तीर्थ पुरोहित ,और मंदिर समिति के समस्त पदाअधिकारी उपस्थित रहे।
संवाददाता: विवेक मैखुरी