चमोली। एक अनोखा स्थान चमोली जनपद के जोशीमठ छेत्र की उच्च हिमालई भ्यूंडार घाटी में मोजूद यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान इस बार पर्यटकों की आमद का रिकॉर्ड तोड़ने वाला है, यहां प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के आने का सिलसिला लगातार जारी है, घाटी में रिवर प्वाइंट तक पर्यटक आसानी से प्रकृति का आनंद लेते हुए अल्पाइन हिमालई पुष्पों का दीदार कर रहे है।हालांकि अब घाटी में सितंबर माह से शीतकाल की हल्की आहट होने से फ्लावरिंग का सीजन कम होने से पुष्प प्रेमी और फ्लावर्स के शौकीन पर्यटकों का फ्लो थोड़ा कम हो जाता है,बावजूद इसके घाटी का प्राकृतिक सौन्दर्य और दुर्लभ नजारे पर्यटकों को इस बार अभी भी आकर्षित कर रहे है।इन दिनों घाटी में विशेष रूप से स्यूं चंद कंपार्टमेंट से आगे स्टार के आकार का तीन यूरोपीय देशों ऑस्ट्रिया,रोमानिया और स्विट्जरलैंड जेसे तीन देश का राष्ट्रीय पुष्प खिला हुआ पर्यटकों को खूब भा रहा है।दरअसल सफेद यूरोपीय एडलवाइज विदेशी पुष्प यूरोप में खासकर शांति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है,इसलिए यह प्रतीक रूप में यूरोपीय देशों में काफी लोकप्रिय पुष्प है, जो आजकल घाटी की वादियों में अपनी खुशबु बिखेर रहा है।

 

पार्क की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल के अनुसार इस वर्ष एक जून से लेकर आज 7 सितम्बर 2024 तक इस विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी में करीब 17 हजार 277 प्रकृति प्रेमी पर्यटक पहुंच चुके हैं, जिसमें 237 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। पर्यटकों की इस बढ़ी हुई आमद से पार्क प्रशासन को 34 लाख 79 हजार 550 रुपये की राजस्व प्राप्ती हुई है। वही वर्ष 2023 के पूरे सीजन में जहां 13 हजार 68 प्रकृति प्रेमी पर्यटक पहुंचे थे। जिसमे 12 हजार 672भारतीय पर्यटक और 396 विदेशी पर्यटक शामिल है, और साल 2023में पार्क प्रशासन को करीब 20लाख 88हजार 250 रुपए की आय प्राप्त हुई थी। वर्ष 2022 में भी घाटी में आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों की कुल तादाद 20हजार 830 पर्यटकों पर सीमित रही, और पार्क प्रशासन ने 31लाख 73 हजार 400 रुपया का राजस्व प्रवेश शुल्क आदि से अर्जित किया था, ऐसे में घाटी में तीन वर्षो के पर्यटकों के फ्लो के आंकड़ों से साफ जाहिर है की विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी में इस साल पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि दर्ज हुई है। इस साल 7 सितंबर तक इस खूबसूरत प्राकृतिक वियावान में 17,277 से अधिक पर्यटक पहुंच चुके हैं। जबकि घाटी के बंद होने में अभी 31अक्टूबर तक का समय है, जहां पार्क प्रशासन की आय में वृद्धि हुई है वहीं घाटी में पहुंचने वाले पर्यटकों का नया रिकाॅर्ड भी बनता जा रहा है।

हर वर्ष फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क एक जून से प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए खोल दी जाती है और 31 अक्तूबर तक पर्यटक घाटी में आवाजाही जा सकते हैं। मध्य जुलाई से अगस्त माह तक घाटी में सबसे अधिक फूल खिलते हैं। और यही घाटी का पीक सीजन होता है। इस बार पार्क प्रशासन को उम्मीद है कि पर्यटकों की आमद अभी और बड़ेगी। वैली ऑफ फ्लावर्स में सबसे अधिक पर्यटको के पहुंचने का आंकड़ा वर्ष 2022 का है,जहां फूलो की घाटी में करीब 20 हजार 830 प्रकृति प्रेमी पर्यटक पहुंचे थे।

घाटी में बढ़ती पर्यटकों की आमद से जहां पार्क प्रशासन भी खुश नजर आ रहा है, फूलों की घाटी गोविंद घाट रेंज की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि इस वर्ष फूलों की घाटी में प्रकृति प्रेमि पर्यटको का ग्राफ पिछले वर्ष की तुलना में जरूर बड़ा हैं। पिछले वर्ष 7 सितंबर तक घाटी में करीब 11हजार 490 पर्यटक पहुंचे थे इसबार आज 7 सितंबर तक 17 हजार 277 पर्यटक घाटी का दीदार कर चुके है,इससे पार्क प्रशासन को अच्छी आय भी प्राप्त हुई है। बता दें की वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क की सुरक्षा के लिए चाक चौबंद व्यवस्थाएं की गई है,पार्क कर्मी लगातार घाटी में लम्बी दूरी की गश्त करके पार्क की दुर्लभ जैव विविधता सहित वन्य जीवन और अन्य गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है,अभी भी घाटी में मौसम खुश गवार बना हुआ है,पर्यटक घाटी का रुख कर रहे हैं। अभी इस सीजन में 7 सप्ताह से अधिक का समय बाकी है ऐसे में घाटी में पर्यटकों की आमद और बड़ेगी, घाटी में घूमने आ रहे पर्यटकों के लिए पार्क प्रशासन द्वारा पूरी जानकारी के साथ सहायता दी जा रही है, पैदल संपर्क मार्ग और भू स्खलन प्रभावित जोन के आसपास पार्क कर्मियों को अलर्ट मोड़ में रखा गया है,साथ हीघाटी के प्रवेश द्वार पर परमिट बनाते समय पर्यटकों को राष्ट्रीय पार्क में प्रवेश से पूर्व वन एवम वन्य जीवन और दुर्लभ पुष्पों,वन संपदा को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत होने वाली कार्यवाही और प्लास्टिक कूड़ा गार्बेज को वापस लाने के साथ घाटी के प्राकृतिक सुन्दरता और वातावरण को दूषित नही करने की अपील भी पार्क प्रशासन द्वारा की जाती है लिहाजा अब तक घाटी में प्रकृति पर्यटन का सीजन बहुत ही बडिया ढंग से चल रहा है, जिसके चलते नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन भी खुश नज़र आ रहा है,

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