गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले की थराली तहसील के ग्राम पास्तोली के राजस्व ग्राम ककड़तोली में लग रहे स्टोन क्रशर का विरोध कर रहे ग्रामीणों को डराने धमकाने की शिकायत को लेकर मंगलवार को भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने एक ज्ञापन पुलिस अधीक्षक चमोली को भेजा है।
भाकपा माले के गढ़वाल सचिव का कहना है कि स्टोन क्रशर लगाये जाने के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों, खास तौर पर महिलाओं की ओर से लोकतांत्रिक एवं शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया जा रहा है। स्टोन क्रशर लगने से पानी के धारे के प्रदूषित होने, राजकीय प्राइमरी स्कूल के बच्चों पर विपरीत असर पड़ने जैसी कई आशंकाएं इन महिलाओं की है। पूर्व में यह क्षेत्र राजस्व पुलिस के पास था, अब यह नागरिक पुलिस के पास है। उनका कहना है कि यह निरंतर देखने में आ रहा है कि इस स्टोन क्रशर का विरोध करने वाली महिलाओं को अक्सर ही डराने-धमकाने का प्रयास किया जा रहा है और थराली थाने की पुलिस भी इस मामले में सायास या अनायास ही क्रशर मालिकों और डराने-धमकाने वालों के साथ खड़ी नजर आती है। यह बेहद गंभीर है कि पुलिस बिना तथ्यों की पड़ताल किये, किसी एक पक्ष की तरफ झुकी नजर आये। उनका कहना है कि क्रशर के ममले में तथ्य यह है कि क्रशर स्वामी ने स्वयं उच्च न्यायालय, नैनीताल में याचिका दाखिल की है। चूंकि मामला माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है तो जो क्रशर स्वामी मामले को न्यायालय ले गए। उन्हें और पुलिस को भी न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए। स्टोन क्रशर के मामले में अंतिम जांच रिपोर्ट जिला विकास अधिकारी चमोली की ओर से 13 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी चमोली को सौंपी गयी थी, जिसमें क्रशर को अवैध बताया गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने एसपी को भेजे गये ज्ञापन में मांग की हे कि न्यायालय का फैसला आने तक या न्यायालय से कोई निर्देश प्राप्त होने तक तो स्थानीय महिलाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार में बाधा नहीं पैदा न की जाए और थराली थाने की पुलिस को एक पक्षीय कार्रवाई और महिलाओं को डराने-धमकाने वालों का पक्ष लेने से बचना चाहिए। उन्होंने थराली के थाना प्रभारी को उचित निर्देश जारी करने की भी मांग की है।