पिथौरागढ़। पीएम मोदी ने पिथौरागढ़ में आयोजित कार्यक्रम में 23 महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस अवसर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को नारायण आश्रम की प्रतिकृति, ऐपण स्टॉल और बोधिसत्व विचार श्रृंखला- एक नई सोच, एक नई पहल पुस्तक भेंट की। प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखण्ड के लोगों के अभूतपूर्व प्यार, स्नेह और आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जब भी मैं आपके बीच उत्तराखण्ड में होता हूँ, हमेशा खुद को धन्य समझता हूँ। मोदी ने अध्यात्म और वीरता की भूमि विशेषकर साहसी माताओं को नमन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बैद्यनाथ धाम में जय बद्री विशाल के उद्घोष से गढ़वाल राइफल्स के जवानों का जोश और उत्साह बढ़ता है और गंगोलीहाट के काली मंदिर में घंटियों की ध्वनि कुमाऊं रेजिमेंट के जवानों में नए साहस का संचार करती है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखण्ड के लोगों की प्रगति और जीवन को आसान बनाने के लिए पूरे समर्पण और निष्ठा के साथ काम कर रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड के साथ अपने लंबे जुड़ाव और निकटता को भी याद किया। उन्होंने कहा की दुनिया भारत और भारतीयों के योगदान को पहचान रही है। उन्होंने जी20 की अध्यक्षता और शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए भारत की वैश्विक सराहना का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भले ही पिछली सरकारों ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया था, लेकिन यह ‘मोदी’ है, जो कहता है कि स्वामित्व और जिम्मेदारी लेकर गरीबी को जड़ से समाप्‍त किया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा, ” हम एक साथ मिलकर गरीबी मिटा सकते हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “जिस स्थान पर चंद्रयान उतरा, उसका नाम शिव शक्ति रखा गया है और इस प्रकार उत्तराखण्ड की पहचान अब चंद्रमा पर भी मौजूद है।” उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में कदम-कदम पर शिव शक्ति योग देखने को मिलता है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय खेलों की पूरी लगन से तैयारी करने के लिए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास, सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है। जीवंत ग्राम योजना ने देश के आखिरी गांवों को पहले गांवों में बदल दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास उन लोगों को वापस लाना है, जो इन गांवों को छोड़ चुके हैं। हम इन गांवों में पर्यटन बढ़ाना चाहते हैं। उत्तराखण्ड में इन क्षेत्रों में नई सुविधाओं और अवसंरचनाओं का निर्माण हो रहा है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड में कई पीढ़ियों से उगाए जा रहे श्री अन्न का उल्लेख किया और इसके महत्व को दुनिया भर में फैलाने के सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देशभर में एक अभियान शुरू किया गया है, जिससे उत्तराखण्ड के छोटे किसानों को बहुत लाभ होगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में हर गांव में गंगा और गंगोत्री हैं। भगवान शिव और नंदा यहां की बर्फ की चोटियों पर निवास करते हैं। उत्तराखण्ड के मेले, कौथिग, थौल, गीत, संगीत और खान-पान की अपनी अनूठी पहचान है। उन्होंने कहा कि यह भूमि पांडव नृत्य, छोलिया नृत्य, मांगल गीत, फूलदेई, हरेला, बग्वाल और रम्माण जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों से समृद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले 4-5 वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी के लिए विभिन्न परियोजनाओं पर 4000 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ऐसी सुविधाएं निर्मित की जायेंगी ताकि आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा सके। मुख्यमंत्री श्री धामी ने प्रधानमंत्री श्री मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केदारखण्ड में मंदिरों, पौराणिक स्थलों का विकास हो रहा है। उनकी मानसखण्ड की इस यात्रा से इस क्षेत्र का भी संपूर्ण विकास सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज भारत पुनः विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर है। आज विश्व में भारत का मान-सम्मान बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना के पुनरुत्थान का स्वर्णिम कालखंड है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने का विकल्प रहित संकल्प के साथ कार्य किये जा रहे हैं। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री उत्तराखण्ड सतपाल महाराज, गणेश जोशी, प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्या, सौरभ बहुगुणा, सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कल्पना सैनी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट उपस्थित थे।

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