गोपेश्वर (चमोली)। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के चौथे दिन स्वयंसेवियों ने जड़ी बूटी संस्थान मंडल का शैक्षिक भ्रमण किया।

भ्रमण के दौरान संस्थान के प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सीपी कुनियाल ने शिविरार्थियों को विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों एवं सगंध पादपों के बारे में बताया। जिसमें उन्होंने प्रमुख रूप से अतीश, कुटकी, कूट, जटामासी, सर्पगंधा, ब्राह्मी, तिलपुष्पी, मधुकरी, तेजपत्ता, दालचीनी, पिपली, जम्बू, सतावर, गिलोय के औषधीय लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

संस्थान के वैज्ञानिक डॉ अरविंद भंडारी ने छात्रों को विभिन्न प्रयोगशालाओं एवं पौधशालाओं का व्यापक भ्रमण करवाते हुए जानकारी दी कि किस तरह से जैविक अनाज की मांग लगातार बढ़ रही है। शिविर के द्वितीय पाली में तनाव प्रबंधन में ध्यान की महत्ता विषय पर बौद्धिक सत्र आयोजित किया गया। सत्र की मुख्य वक्ता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय गोपेश्वर की प्रभारी एवं ध्यान प्रशिक्षक बीके किरन ने शिविरार्थियों को ध्यान करने का अभ्यास कराया एवं परीक्षा के तनाव से बचने के आध्यात्मिक तरीके भी सुझाये।

सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो० रचना नौटियाल ने कहा कि इस तरह के शिविर छात्रों का सर्वांगीण विकास करते हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ रचना टम्टा, डॉ दर्शन सिंह नेगी, डॉ जेएस नेगी, डॉ दिनेश सती, डॉ मनोज बिष्ट, डॉ अरविंद भट्ट, विमला देवी दलनायक पवन कुमार, दल नायिका सोनी बिष्ट, विक्रम गुसाईं, पपेन्द्र रावत, नीरज रावत आदि उपस्थित रहे।

 

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